इक्विटी म्युचुअल फण्ड क्या है? – Equity Fund kya hai || फायदे-नुकसान, निवेश कैसे करें, शुल्क (Charges)

क्या आपने कभी इक्विटी फण्ड के बारे में सुना है? मतलब What is Equity Fund in Hindi, क्या आपको पता है कि आज के समय में लोग जानना चाहते है कि Equity Mutual Fund क्या है? इसीलिए हम आपके लिये ये लेख लेकर आये है ताकि आप इक्विटी फण्ड से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर सके ।

Equity Fund म्युचुअल फण्ड का ही एक प्रकार है। जो शेयर या कंपनी के स्टॉक्स में निवेश करते है। इक्विटी फण्ड को ग्रोथ फण्ड(Growth Fund) भी कहा जाता है। और हाँ म्यूच्यूअल फण्ड का सबसे प्रसिद्ध प्रकार है।

तो आइये जानते है Equity Mutual Fund क्या होता है और इसके क्या लाभ है ?

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इक्विटी फण्ड क्या होता है? Equity Fund Kya Hai

शेयर बाज़ार में होने वाला अधिकतम निवेश Equity में ही किया जाता है। यह इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड उन निवेशिकों के लिए फ़ायदे का सौदा हो सकता है जो कि शेयर मार्केट में जोखिम उठाने के लिए तैयार होते है , क्योंकि इक्विटी फण्ड में जितना मुनाफ़ा है उतना ही रिस्क भी होता है ।

Equity Fund ज़्यादा जोखिम के साथ ज़्यादा लाभ भी प्रदान करते है । अधिकांश equity Funds में कंपनियों के मार्केट कैपिटल के अनुसार ही निवेश किया जाता है , सरल भाषा में जो फंड्स शेयर मार्केट में निवेश करते है वो equity Fund कहलाते है । इनमें ज़्यादातर वो लोग invest करते है जो कम समय में अधिक मुनाफ़ा चाहते है ।

इसे भी पढ़े: म्युचुअल फण्ड क्या है (Mutual Fund), कैसे करें इन्वेस्ट, सम्पूर्ण जानकारी 

इक्विटी फण्ड के प्रकार – Types of Equity Funds

Equity Fund को कई भागों में बाँटा गया है ,इक्विटी फण्ड को मुख्य रूप से Large Cap , Mid Cap और Small Cap में बाँटा गया है। इनके अलावा भी इसके और प्रकार होते है। इन सब प्रकारों की संपूर्ण जानकारी नीचे है ।

Large Cap Equity Funds क्या है ?

लार्ज कैप इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड वो होते है जो ज़्यादातर बड़ी कंपनियों में निवेश करते है। ये कंपनियाँ अपने-अपने क्षेत्र में एकदम से मज़बूत होती है, इनके डूबने की संभावना ना के बराबर होती है या नई कंपनियों की तुलना में बहुत ही कम होती है।

यही कारण है कि SEBI के अनुसार Large Cap कंपनियों में निवेश अधिक सुरक्षित माना जाता है। लार्ज कैप में लिस्टेड होने की संभावना सिर्फ़ बड़ी कंपनियों की ही होती है। और यही वजह है कि लार्ज कैप फंड्स को इक्विटी फण्ड इन्वेस्टर्स के लिये अच्छा माना जाता है जो की Equity Funds में ज़्यादा जोखिम उठाना पसंद नहीं करते है। इस प्रकार के फण्ड कम रिस्क के साथ साधारण रिटर्न प्रदान करते है ।

Mid Cap Equity Funds क्या है ?

जो मध्यम प्रकार की कंपनियाँ होती है उनको मिड कैप म्यूच्यूअल फंड्स में टारगेट किया जाता है और इन फंड्स के द्वारा मध्यम प्रकार की ही कंपनियो में निवेश किया जाता है । इन कंपनियों में निवेश करने पर थोड़ा जोखिम शामिल होता है , क्योंकि इन प्रकार के फंड्स में शामिल कंपनियाँ कभी कभी अपने पूर्ण सामर्थ्य के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाती है।

इस स्थिति में आप अपनी पूँजी खो भी सकते है ,परन्तु इस प्रकार के फण्ड में निवेश करना आपके लिए फ़ायदेमंद भी हो सकता है ,अगर आप की निवेश की हुई कंपनी आगे चलकर एक बड़ी कंपनी के रूप में विकसित हो जाये तो वो आपको अच्छा रिटर्न दे सकती है ।

Small Cap Equity Funds क्या है ?

वे म्यूच्यूअल फण्ड योजनाए जिनके द्वारा सिर्फ छोटी कंपनियों के स्टोक्स में ज्यादातर पैसा इन्वेस्ट किया जाता है उन फंड्स को स्मॉल कैप इक्विटी फण्ड कहा जाता है।

इस तरह की फंड्स के मैनेजर अपने फंड्स का अधिकतम भाग या लगभग पूरा हिस्सा ही केवल छोटी कंपनियों में इन्वेस्ट करते है। इस वजह से Small Cap Fund में किया गया निवेश, Large Cap और Mid Cap फंड्स से ज्यादा जोखिम भरा होता है। परन्तु इन फंड्स में मिलने वाला मुनाफा भी कई बार उन दोनों फंड्स की तुलना में ज्यादा हो सकता है।

स्मॉल कैप फण्ड में निवेश करना इस लिए भी जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि जिन छोटी कंपनियों में निवेश किया जाता है उन कंपनियों के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध होती  है। यह फण्ड केवल उन लोगो के लिए उपयुक्त है जो उच्च जोखिम उठाने का साहस रखते है।

ELSS (Equity Linked Saving Scheme) / Tax Saving Funds

Equity Linked Saving Scheme या Tax Saving Mutual Funds निवेशकों के लिए टैक्स में छूट प्राप्त करने का तरीका है। इस फण्ड में आयकर अधिनियम की धारा 80c के तहत कर में छूट प्रदान की जाती है।

ELSS फण्ड में इन्वेस्ट किये गए एक लाख पचास हजार (1.5 लाख) रुपए तक की राशि टैक्स में छूट के लिए सक्षम है। ELSS Fund 3 साल के लॉक-इन-पीरियड के साथ आते है।

लॉक-इन-पीरियड: लॉक-इन-पीरियड से तात्पर्य है की, इन्वेस्ट करने के 3 साल बाद तक इन फंड्स को निकाला नहीं जा सकता है तथा यह समय पूरा होने के बाद इनको निकाल सकते है।

Diversified Equity Fund 

डाइवर्सिफाइड इक्विटी फण्ड द्वारा सभी क्षेत्रो में निवेश किया जाता है अथार्थ ये फंड्स कोई विशेष प्रकार के स्टॉक्स में इन्वेस्ट करने के लिए बाध्य या प्रतिबंधित नहीं है। इन फंड्स में निवेश के कई सारे विकल्प है। ये फंड्स लार्ज,मिड और स्मॉल सभी प्रकार के फंड्स में निवेश करते रहते है।

Sector Equity Mutual Funds क्या है ?

जैसे की इस फण्ड के नाम से ही हमे पता लग रहा है कि इस फण्ड के द्वारा किसी सेक्टर विशेष में इन्वेस्ट किया जाता है। इन फंड्स के द्वारा केवल विशेष क्षेत्र की कंपनियों के शेयर में इन्वेस्ट किया जाता है। सेक्टर फण्ड को बेहद जोखिम भरा माना जाता है क्योंकि सेक्टर फण्ड में किया गया इन्वेस्ट केवल एक ही क्षेत्र पर केंद्रित रहता है।

सेक्टर फण्ड में फण्ड मैनेजर अपनी बुद्धिमता से निवश करता है, जिसमे मुनाफे की सम्भावना अधिक रहती है। उदाहरण के तौर पर रियल एस्टेट सेक्टर फण्ड सिर्फ रियल एस्टेट में ही इन्वेस्ट करता है। लोगो को सेक्टर फण्ड में इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए क्योंकि यह बहुत जोखिम भरा है।

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Equity Mutual Fund Advantages and disadvantages

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के बहुत सारे फायदे ही फायदे होते है लेकिन क्या आपको पता है कि इस म्यूच्यूअल फण्ड केटेगरी में कुछ नुकसान भी होते है। 

इक्विटी फंड्स में निवेश के फायदे – Benefits of Equity Funds

इक्विटी फंड्स में निवेश करने के कई सारे फायदे है जिनमे से कुछ इस प्रकार है –

  1. प्रोफेशनली मैनेज्ड – फण्ड मैनेजर एक प्रकार के बाजार विशेषज्ञ होते है ,जो प्रोफेशनल तरीके से इक्विटी फंड्स का प्रबंधन करते है। ये फण्ड मैनेजर मार्केट का अच्छे से अध्ययन करते है और कंपनियों का विश्लेषण करते है। और अच्छा प्रदर्शन करने वाले शेयर में इन्वेस्ट करते है जो अधिकतम रिटर्न देते है।
  2. सबके लिए आसान – कोई भी व्यक्ति SIP के माध्यम से इक्विटी फण्ड में निवश प्रारम्भ कर सकता है। SIP के माध्यम से साप्ताहिक या द्वि-साप्ताहिक या मंथली  तौर पर कम से कम 500 रुपए से निवेश कर सकता है।
  3. पोर्टफोलियो विविधीकरण – जब कोई व्यक्ति इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करता है तब उसका पैसा बहुत सारे स्टॉक्स में जमा होता है ,अगर किन्हीं कारणों से कुछ शेयर अच्छा प्रदर्शन नहीं भी करते है तो दूसरे अन्य स्टॉक्स की वजह से उस व्यक्ति को अच्छा लाभ मिलने की पूरी सम्भावना होती है।
  4. लिक्विडिटी/तरलता – किसी भी इक्विटी फण्ड की इकाइयों को लागु NAV पर किसी भी बिज़नेस डे या वयवसायिक दिन पर रिडीम किया जा सकता है। इसका एक अपवाद ELSS फण्ड है क्योंकि इस फण्ड को लॉक-इन-पीरियड यानी 3 साल की अवधि के बाद ही निकाला जा सकता है।
  5. कैपिटल ग्रोथ/पूंजी बढ़ोत्तरी -इक्विटी फंड्स में निवेश करके व्यक्ति लम्बी अवधि में पर्याप्त धन अर्जित कर सकता है जिससे उस व्यक्ति की पूंजी में वृद्धि होना स्वाभाविक है।
  6. टैक्स बेनेफिट्स – ELSS फण्ड में आपको टैक्स में छूट मिलती है ,आयकर अधिनियम ,1961 की धारा 80 C के तहत 1.5 लाख तक की निवेश राशि पर आपको टैक्स में छूट प्रदान की जाती है।

इक्विटी फंड्स में निवेश के नुकसान 

इक्विटी फंड्स में निवेश के कुछ नकारात्मक बिंदु भी है जो इस प्रकार है –

  1. मैनेजमेंट लागत -चूँकि इक्विटी म्यूच्यूअल फण्डों का प्रबंधन प्रोफेशनल फण्ड मैनेजर द्वारा किया जाता है जिस वजह से उनकी फीस ज्यादा होती है ओर निवेशक को मिलने वाले लाभ को यह प्रभावित करता है। 
  2. अल्प अवधि के लिए उपयुक्त नहीं – चूँकि इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड बाजार की अस्थिरता के प्रति अधिक प्रतिक्रिया शील होते है इसलिए कम समय के लिए इनमे निवेश नहीं किया जा सकता , इन से लाभ कमाने के लिए लम्बे समय तक निवेश रखना पड़ता है। 
  3. चुनाव की बहुतायत्ता – इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स में निवेशकों के लिए 1000 से ज्यादा म्यूच्यूअल फंड्स स्कीम्स है ,इनमे से बेहतर योजना का चुनाव करना निवेशक के लिए चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में निवेशकों की छोटी सी गलती उनका नुकसान करवा सकती है। 
  4. लॉक-इन-पीरियड – ELSS फंड्स जो कि एक इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड है जो आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत टैक्स में छूट प्रदान करता है ,को इसके लॉक-इन-पीरियड 3 साल से पहले निवेशक रिडीम या निकाल नहीं सकते। 
  5. ख़राब मैनेजमेंट – यदि आपका फण्ड मैनेजर अपने अधिकार का दुरूपयोग करता है और पोर्टफोलियों में निरंतर बदलाव करता है तो इस से फीस या शुल्क पर प्रभाव पड़ता है और आपको अधिकतम रिटर्न नहीं मिल पाता है। 

हमने ऊपर आपको Equity Mutual Funds के फायदे और नुक्सान के बारे में बताया है ,हम आप निवेशकों को सलाह देना चाहते है की आप निवेश करने से पहले इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स के बारे में गहन अध्यन करें तथा अपनी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार अपने फंड्स का आवंटन करे फिर Equity Fund में निवेश करें। 

इक्विटी फण्ड में निवेश कैसे करे – Equity Mutual Fund me Invest Kaise Kare

इक्विटी फंड्स में निवेश करना बहुत सरल है ,आप किसी ब्रोकर अथवा एजेंट के माध्यम से या फिर ऑनलाइन माध्यम से इसमें निवेश कर सकते है। 

  1. अगर आप पहली बार निवेश करने जा रहे हो या अभी नए हो तो आपको ब्रोकर या एजेंट के माध्यम से निवेश करना चाहिए जिस से आपको फंड्स और निवेश से जुड़ी जानकारियां प्राप्त हो जाये। 
  2. डायरेक्ट या ऑनलाइन माध्यम से निवेश करने पर सारी गतिविधियों के जिम्मेदार आप खुद होते है। 
  3. डायरेक्ट निवेश के लिए आप कंपनी के म्यूच्यूअल फण्ड वेबसाइट पर डीमेट अकाउंट खोल कर अपना निवेश प्रारम्भ कर सकते है। इन वेबसाइट पर आपको अपनी KYC पूरी करके अपनी Bank Details देनी होती है जो फंड्स को खरीदने के काम में ली जाती है। 
  4. यदि आप Equity Funds में निवेश करना चाहते है तो इसके लिए मार्केट में काफी सारी डिस्काउंट ब्रोकर एप्लीकेशन मौजूद है ,जिनमे से एक है ‘Groww’ जो एक अच्छी डिस्काउंट ब्रोकर एप्लीकेशन है। 
  5. Groww पर आप आसानी से अपना डीमेट अकाउंट खोल कर अपना निवेश प्रारम्भ कर सकते हो। Groww पर आप नीचे दी गयी लिंक से अकाउंट ओपन कर सकते हो। 

Groww से Equity Funds में निवेश ऐसे करें 

  • सबसे पहले आप अपने मोबाइल में Groww अप्प डाउनलोड करें। 
  • अब आप रजिस्टर पर क्लिक करके अपनी ईमेल एंटर करें। 
  • इसके बाद अपने मोबाइल नंबर, आधार नंबर और पैन नंबर वेरीफाई करें। 
  • फिर आप अपनी बैंक अकाउंट डिटेल एंटर करें। 
  • इसके बाद आप सबमिट पर क्लिक करके अपना खाता बना सकते है। 

Equity Funds में निवेश करने के तरीके 

इक्विटी फंड्स में निवेश करने के निम्न तरीके है –

  1. एजेंट या ब्रोकर के द्वारा 
  2. डायरेक्ट कंपनी की म्यूच्यूअल वेबसाइट के द्वारा 
  3. डिस्काउंट ब्रोकर एप्लीकेशन द्वारा 

निवेश करने के लिए Top Equity Mutual Funds 

भारत में आज के समय में अनेक कंपनियों के इक्विटी फंड्स उपलब्ध है लेकिन अब ख्याल ये आता है कि किस कंपनी के फंड्स में निवेश किया जाये ताकि हम अधिक मुनाफा अर्जित कर सके। 

टॉप 10 इक्विटी फंड्स जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते है 

फण्ड  केटेगरी  जोखिम  1 साल का रिटर्न  फण्ड साइज (Cr)
Quant Infrastructure Fund Equity Very High 36.2% ₹1,130
Kotak Infrastructure & Economic Reform Fund Equity Very High 39.6% ₹1,235
Motilal Oswal Midcap Fund Equity Very High 47.3% ₹6,804
Quant Midcap Fund Equity Very High 38.4% ₹3,781
Quant Tax Plan Fund Equity Very High 25.8% ₹5,614
Bank of India Small Cap Fund Equity Very High 45.9% ₹819
Quant ELSS Tax Saver Fund Equity Very High 33.4% ₹5,614
SBI Contra Fund Equity Very High 41.1% ₹18,930
Axis Small Cap Fund Equity Very High 37.0% ₹17,915
Bandhan Tax Advantage (ELSS) Fund Equity Very High 16.8% ₹5,160

 हमने आपको ऊपर टॉप 10 Equity Funds बताये है इनमे निवेश करके आप अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है। 

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Equity Fund में निवेश पर लगने वाले शुल्क (Charges)

जब हम किसी इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करते है तो हमे कुछ शुल्क भी देना पड़ता है जिसके बारे में निचे विस्तार से बताया गया है –
इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश पर हमे मुख्यतः 2 प्रकार के शुल्क देने पड़ते है। 

  1. Expence Ratio – जब हम इक्विटी फण्ड में इन्वेस्ट करते है तो हम खुद उस फण्ड को मैनेज नहीं करते बल्कि एक अनुभवी फण्ड मैनेजर द्वारा उसको मैनेज किया जाता है ,तो इस फण्ड मैनेजर को जो शुल्क जाता है उसी को एक्सपेंस रेश्यो कहा जाता है।
    सामान्यतः ये एक्सपेंस रेश्यो 0- 2% तक हो सकता है। ये शुल्क आपसे सालाना चार्ज किया जाता है निवेश की गयी राशि पर। 
  2. Exit Load – एग्जिट लोड आपसे तब लिया जाता है जब आप समय से पहले(एक साल के अंदर) ही अपने फण्ड को रिडीम करते है ,एग्जिट लोड आपकी निवेशित राशि पर मिले रिटर्न का 1% लिया जाता है। 

Equity Fund में निवेशित राशि पर लगने वाले टैक्स 

जब हम इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया गया पैसा वापस निकालते है तो उस पर कुछ शुल्क या सरकार की तरफ से टैक्स लगता है जो कि 2 प्रकार का होता है –

  1. Short Term Capital Gain Tax -इसको हम एक उदहारण की सहायता से आसानी  से समझ सकते है ,मान लो आपने 5 लाख रुपए निवेश किये और एक साल बाद आपकी की निवेशित राशि 5 लाख से बढ़कर 6 लाख रुपए हो गयी है और आप साल भर होने पर इसको रिडीम करते हो तो आपको लगभग 15% टैक्स देना पड़ता है। 
  2. Long Term Capital Gain Tax -इसको भी हम एक उदहारण की सहायता से समझेंगे कि मान लो आपने 10 लाख रुपए का निवेश इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया और आने वाले 10-15 सालों में इस 10 लाख रुपए की वैल्यू 90 लाख हो गयी। अब इस पर टैक्स का कैलक्यूशन इस प्रकार होगा कि 90 लाख रुपए आपकी कुल राशि है और इसमें से 10 लाख जो आपने इन्वेस्ट किया वो निकाल देते है तो यह 80 लाख रह जायेगा , अब हमे यहाँ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में 1 लाख रुपए की छूट मिलती है तो इस प्रकार 79 लाख रुपए पर हमारा टैक्स लगेगा ,इस पर हमारा 10% टैक्स लगेगा। जो कि कैलकुलेशन करने पर 7.9 लाख निकल कर आता है। 

जब आप साल भर के अंदर अपना निवेश किया हुआ पैसा निकालते है तो उस पर STCG टैक्स के साथ-साथ Exit Load भी लगता है जो  1% होता है तो इस प्रकार शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 15%+1% एग्जिट लोड मिलकर 16% हो जाता है। इसीलिए आपको इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में लम्बे समय के लिए निवेश की सलाह दी जाती है। 

Equity Funds से जुड़े प्रश्न-उत्तर 

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में कौन निवेश कर सकता है ?

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है। 

मुझे मेरी इनकम का कितना प्रतिशत पैसा इक्विटी फण्ड में निवेश करना चाहिए ?

आपको अपनी मंथली इनकम का कम से कम 20% पैसा निवेश करना चाहिए। 

क्या इक्विटी फण्ड में निवेश किया हुआ पैसा समय से पहले निकाल सकते है ?

आप इक्विटी फण्ड में निवेशित राशि कभी भी निकाल सकते है ,परन्तु आपने अगर ELSS इक्विटी फण्ड में निवेश किया है तो आप लॉक-इन-पीरियड से पहले अपनी निवेशित राशि नहीं निकाल सकते यानी आपको 3 साल के बाद ही आपका पैसा मिलेगा। 

धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद 

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