डेट फंड क्या है? 2024 – Debt Mutual Fund Kya hai || निवेश करने के प्रकार, फायदे, नुकसान क्या है

नमस्कार! आज हम म्युचुअल फंड की सीरीज में बात करेंगे Debt Fund के बारे में,आज हम जानेंगे कि डेट फंड क्या है? और इसमें कैसे हम निवेश कर सकते है। अगर आप अपने पैसे को अच्छे रिटर्न के साथ बढ़ाना चाहते हो और ज्यादा जोखिम भी नहीं लेना चाहते है तो आपके लिए Debt Fund का चुनाव करना अच्छा विकल्प हो सकता है। 

Debt Mutual Fund in Hindi: आज के समय में बाज़ार में अनेक म्युचुअल फंड्स है और इसमें से एक है डेट म्युचुअल फंड। इसमें निवेश करके न सिर्फ आपका पैसा सुरक्षित रहता है बल्कि इसमें आपको अच्छा रिटर्न भी मिलता है लेकिन आप डेट फंड की कौनसी स्कीम में निवेश करते है यह आपके रिटर्न को तय करता है। 

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डेट फंड क्या है? – Debt Mutual Fund Kya hai

जब हम डेट फंड की बात करते हैं। तो उसमें डेट का मतलब होता है लोन या ऋण(Loan)। जैसे किसी को अपना घर बनाना है तो वह बैंक से ऋण लेता है बदले में बैंक को इंटरेस्ट देना पड़ता है, ठीक उसी प्रकार कोई भी इन्वेस्टर जब डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करता है। तो उसको भी ब्याज मिलता है। 

अब अगर हम बात करें कि सरकार को लोन क्यों चाहिए तो कभी कभी सरकार कई योजनाएं लाती हैं जिनके लिए उन्हें लोन की आवश्यकता होती है। तब गवर्नमेंट ट्रेजरी बिल, बॉन्ड इश्यू करके लोन लेते हैं। ट्रेजरी बिल्स(Treasury Bills) 1 साल से कम अवधि के लिए जारी किये जाते हैं और बॉन्ड(Bond) लॉन्ग टाइम के लिए इश्यू किये जाते हैं। 

अगर हम डेट फंड को आसान भाषा में समझना चाहें तो इसे इस प्रकार समझ सकते हैं कि डेट फंड उन कंपनियों में निवेश करता है जो कंपनियां अपने कस्टमर्स को ऋण देती है और डेट फंड में निवेश करने पर निवेशक को सीधे तौर पर इंटरेस्ट मिलता है यह कम्पनियाँ सरकारी और प्राइवेट दोनों प्रकार की होती है।  

नोट – इसमें यह पहले से निर्धारित होता है कि पैसा कितने परसेंट ब्याज पे दिया जाएगा, जिससे इस पर शेयर मार्केट के उतार चढ़ाव का कोई फ़र्क नहीं पड़ता है। 

Debt Mutual Fund कैसे काम करते है?

बहुत से लोगों के मन में यह ख्याल रहता है कि इक्विटी फंड में जब हम निवेश करते हैं तो वह डायरेक्ट कंपनी के शेयर खरीदता है, लेकिन जब डेट फंड में हम इन्वेस्ट करते हैं तो हमारा पैसा किस प्रकार निवेश होता है? तो जब निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो इक्विटी में निवेश करने पर उस निवेशक को सीधे तौर पर कंपनी के शेयर मिलते हैं जबकि जो निवेशक डेट फंड में निवेश करते हैं वो सीधे तौर पर शेयर नहीं खरीदते हैं, बल्कि अपने पैसों को वित्तीय संस्थानों, सरकार और निगमों को उधार देते हैं।

डेट फंड कंपनी को अपना काम शुरू करने से पहले सेबी(SEBI) के पास रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है, इसलिए यहाँ पर कोई जोखिम नहीं होता है। किसी डेट म्यूचुअल फंड के साथ यह अनिवार्य शर्त होती है कि उसका कम से कम 65 फ़ीसदी राशी बॉण्ड या बैंक डिपॉजिट में इन्वेस्ट किया जाएगा। डेट म्यूचुअल फंड के तहत गवर्नमेंट बॉन्ड्स, कंपनी बॉन्ड, कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट्स और बैंक डिपॉजिट्स में इन्वेस्ट किया जाता है। इसके अलावा बचे हुए पैसे को इक्विटी यानी शेयर्स में निवेश किया जाता है।

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डेट फंड कितने प्रकार के होते है? – Types of Debt Funds

जब हम डेट म्यूचुअल फंड में निवेश की बात करते हैं तो डेट म्यूचुअल फंड के 17 प्रकार होते हैं, जिनको नीचे समझाया गया है- 

लिक्विड फंड (Liquid Debt Fund)

लिक्विड फंड में अपने पैसे को उन उपकरणों में निवेश करते हैं, जिनकी मैच्योरिटी टाइम 91 दिनों से अधिक नहीं होती है। लिक्विड फंड निवेशकों को उच्च तरलता प्रदान करने में सक्षम होते हैं। इनका निवेश मुख्य रूप से ट्रेजरी बिल, कमर्शियल बॉन्डस और जमा प्रमाण पत्रों में केन्द्रित होता है। लिक्विड डेट फंड, बचत खातों और अल्पकालिक निवेश (Short Term Investment) के लिए एक बेहतर विकल्प है।

मनी मार्केट फंड (Money Market Fund)

वे डेट फंड जो एक वर्ष की अधिकतम मैच्योरिटी टाइम के साथ मुद्रा बाजार के साधनों में निवेश करते हैं, मनी मार्केट फंड कहलाते हैं। यह फंड छोटी अवधि के लिए कम जोखिम वाली डेट सिक्यॉरिटीज कि चाह रखने वाले निवेशकों के लिए अच्छे साबित होते हैं। 

डायनामिक बॉन्ड फंड (Dynamic Bond Fund)

वे डेट फंड जो ब्याज दर व्यवस्था के आधार पर भिन्न भिन्न परिपक्वता के ऋण इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। डायनेमिक बॉन्ड फंड होते हैं ये फंड मध्यम रिस्क सहनशीलता और 3 से 5 साल के निवेश क्षितिज वाले निवेशकों के लिए अच्छे माने जाते हैं।

कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड (Corporate Bond Fund)

वे डेट फंड जो उच्चतम रेटिंग वाले कॉर्पोरेट बांड में अपनी कुल संपत्ति का न्यूनतम 80% निवेश करते हैं तथा यह फंड कम जोखिम सहने वाले और उच्च गुणवत्ता वाले कॉर्पोरेट बॉन्ड में इन्वेस्ट करने वाले इन्वेस्टर्स के लिए बेहतर माने जाते हैं।

बैंकिंग और पीएसयू फंड (Banking and PSU Fund)

जो अपनी कुल संपत्ति का कम से कम 80% हिस्सा पीएसयू और बैंको की ऋण सिक्यॉरिटीज में निवेश करते हैं,वह बैंकिंग और पीएसयू फंड होते हैं। 

गिल्ट फंड (Gilt Fund)

वे फंड जो अलग अलग परिपक्वता अवधि में सरकारी सिक्यॉरिटीज में अपने इन्वेस्ट  का न्यूनतम 80% इन्वेस्ट करते हैं। तथा इन फंडों में कोई क्रेडिट रिस्क नहीं होता है, हालांकि इन में ब्याज दर रिस्क अधिक बना रहता है।

गिल्ट 10 Year फंड (Gilt 10-Year Fund)

जब निवेश ऐसे गिल्ट फंड में किया जाता है जिनकी लॉक-इन-अवधि 10 साल की होती है तो वे 10 Year गिल्ट फंड कहलाते है। 

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क्रेडिट रिस्क फंड (Credit Risk Fund)

ये फंड उच्चतम गुणवत्ता वाले कॉर्पोरेट बांड से नीचे की रेटिंग वाले कॉर्पोरेट बॉन्ड में अपने निवेश योग्य कॉपर्स का न्यूनतम 60 फीसदी से 65 फीसदी इन्वेस्ट करते हैं। इसलिए इन फंडों में बहुत अधिक क्रेडिट रिस्क नहीं होता है और उच्चतम गुणवत्ता वाले बॉन्ड की तुलना में थोड़ा बेहतर रिटर्न प्रदान करते हैं।

फ्लोटर फंड (Floater Fund)

वे फंड जो अपने निवेश योग्य कोष का न्यूनतम 65 फीसदी फ्लोटिंग डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं, फ्लोटर फंड कहलाते हैं। इन फंडों में कम ब्याज दर का जोखिम होता है।

ओवरनाइट फंड (Overnight Fund)

वे फंड जो 1 दिन की मैच्योरिटी वाली डेट सिक्यॉरिटीज में इन्वेस्ट करते हैं ओवरनाइट फंड कहलाते हैं इन फंडों को बेहद सुरक्षित माना जाता रहा है क्योंकि क्रेडिट रिस्क ओर ब्याज दर जोखिम दोनों इसमें न के बराबर होते हैं।

अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड (Ultra-Short Duration Fund)

वे फंड जो मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और डेट सिक्यॉरिटीज में इस प्रकार से निवेश करते हैं कि स्कीम की मैकाले अवधि (Macaulay period) तीन से छह महीने के बीच होती है अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड की श्रेणी में आते हैं।

लो-ड्यूरेशन फंड (Low Duration Fund)

वे फंड जो मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट और डेट सिक्यॉरिटीज में इस प्रकार से निवेश करते हैं कि स्कीम की मैकाले अवधि 6  से 12 महीने के बीच हो,लो ड्यूरेशन फंड की श्रेणी में आते हैं।

शॉर्ट ड्यूरेशन फंड (Short Duration Fund)

वेब फंड जो मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और डेट सिक्यॉरिटीज में इस प्रकार से निवेश करते हैं कि स्कीम की मैकाले अवधि 1 से 3 साल के बीच होती हो। शॉर्ट ड्यूरेशन फंड की श्रेणी में आते हैं।

मीडियम टू लॉन्ग ड्यूरेशन फंड (Medium to Long Duration Fund)

वे फंड जो मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और डेट सिक्यॉरिटीज में इस प्रकार से निवेश करते हैं कि इसकी मैकाले अवधि 4 से 7 साल के बीच होती हो। मीडियम तो लॉन्ग ड्यूरेशन फंड की श्रेणी में आते हैं।

मीडियम ड्यूरेशन फंड (Medium Duration Fund)

वे फंड, जो मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और डेट सिक्यॉरिटीज में इस प्रकार से निवेश करते हैं कि इस स्कीम की मैकाले अवधि तीन से 4 साल के बीच हो, मीडियम ड्यूरेशन फंड की श्रेणी में आते हैं।

लॉन्ग ड्यूरेशन फंड (Long Duration Fund)

वे डेट फंड जो मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और डेट सिक्यॉरिटीज में इस प्रकार से निवेश करते हैं कि इस स्कीम की मैकाले अवधि 7 साल से अधिक हो। लॉन्ग ड्यूरेशन फंड की श्रेणी में आते हैं है।

फिक्स्ड मैचोरिटी प्लान (FMP Fund)

फिक्स्ड मैचोरिटी प्लान एक डेट म्युचुअल फण्ड ही होता है लेकिन यह फिक्स लॉक इन पीरियड के साथ आते है और इसमें निवेशक सिमित होते है। 

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डेट म्युचुअल फंड के फायदे – Benefits of Debt Fund 

  • डेट म्यूचुअल फंड को अपने पोर्टफोलियों में जोड़ने से हमारे पोर्टफोलियों में विविधता आती है और इससे हमारा पोर्टफोलियों शेयर बाजार में होने वाले उतार चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता है।
  • डेट फंड मामूली जोखिम वाले इन्वेस्टर्स को अच्छा रिटर्न दे सकते हैं और अन्य निवेश विकल्पों के अलावा इसमें आप जोखिम का मैनेजमेंट कर सकते हैं।
  • डेट फंड में आपको बैंक एफडी के मुकाबले अच्छा और स्टेबल रिटर्न मिलता है।
  • डेट म्यूचुअल फंड एक प्रकार से इमरजेंसी फंड के रूप में भी अच्छा विकल्प साबित हो सकता है क्योंकि अगर आप कुछ पैसे अत्यधिक लिक्विड इमरजेंसी फंड के रूप में रखना चाहते हैं तो डेट फंड एफडी का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। 

Debt Mutual Fund के नुकसान 

  • कम रिटर्न-कभी कभी डेट फंड अपनी सीमाओं के साथ इन्वेस्टर्स के लिए अच्छा रिटर्न नहीं दे पाते है, खासकर यह तब होता है जब बाजार में ब्याज दर कम हो और जब अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर नहीं चल रही होती है तो वे आपको FD से भी कम रिटर्न दे पाते हैं।
  • यदि आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से डेट फंड में निवेश करते हैं तो म्यूचुअल फंड हाउस कुछ व्यय अनुपात लेते है,और इसका परिणाम ये होता है कि डेट फंड पे रिटर्न थोड़ा कम मिलता है।  
  • क्रेडिट रिस्क-कभी कभी ऐसा होता है कि हमारे द्वारा उधार दिया गया धन,मूलधन और ब्याज दर का भी भुगतान नहीं कर सकता है, तो इससे निवेशकों को सीधा नुकसान होता है। ऐसा होने की संभावना उस समय बढ़ जाती है जब वित्त घराने कानूनी गुणवत्ता वाले बांड में निवेश करते हैं। 
  • लिक्विडिटी जोखिम-कई बार ऐसा होता है कि उच्च रिडेंप्शन अनुरोधों के आने की वजह से फंड मैनेजर को लिक्विडिटी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
  • डेट फंड में एक नुकसान ये भी है कि इसमें आपको इक्विटी फंड की तरह शेयर मार्केट के अचानक से आए हुए चढ़ाव का फायदा नहीं मिल पाता है।  

इसे भी पढ़े: हाइब्रिड फण्ड क्या है (Hybrid Fund), सम्पूर्ण जानकारी 

डेट म्युचुअल फंड में किसे निवेश करना चाहिए?

बाजार में इतने सारे फंड मौजूद हैं यहाँ तक कि म्यूचुअल फंड में भी बहुत सारे फंड आते हैं तो हमारे ये मन में ये ख्याल आता है कि डेट फंड किन निवेशकों के लिए बेहतर हो सकता है तो डेट फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है जो कम जोखिम लेना पसंद करते हैं। डेट फंड आमतौर पर स्थिर रिटर्न और संतुलित रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए कई सेक्युरिटीज़ में निवेश करते हैं। हालांकि इन सब की कोई गारंटी नहीं है। प्रदर्शन आम तौर पर अपेक्षित सीमा के अंदर होता है।

Debt Fund में टैक्स कैसे लगता है?

Debt Mutual Fund में दो प्रकार के टैक्स लगते हैं एक होता है शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स और दूसरा होता है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स तब लगता है जब हम 3 साल से पहले ही डेट फंड में निवेशित अपनी राशि को निकालते है। और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स तब लगाया जाता है जब हम इसे 3 साल के बाद निकालते हैं।  

अगर आप डेट फंड में शॉर्ट यानी 3 साल से कम समय के लिए अपनी राशि निवेश करते हैं तब अपने इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक आपको टैक्स देना होता है। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि यहाँ पर शॉर्ट टर्म के लिए 3 साल का समय है जबकि इक्विटी फंड में ये समय 1 साल के लिए होता है।

अगर आप अपने निवेशित राशि को 3 साल के बाद निकालते हैं तो आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होता है। और इस पर इंडेक्सेशन  के बाद 20 फीसदी की दर से टैक्स देनदारी बनती है। इसके अलावा इस पर सेस व सरचार्ज भी लगाया जाता है। 

डेट फण्ड शुल्क – Debt Fund Charges

डेट म्युचुअल फंड में तीन प्रकार के शुल्क लगते है और ये दिनों शुल्क हर डेट फण्ड में अलग-अलग हो सकता है 1. एक्सपेंस रेश्यो 2. एग्जिट लोड 3. स्टाम्प ड्यूटी 

डेट फंड में कैसे निवेश करें?

आप डेट फण्ड में SIP या LUMPSUM तरीके से निवेश कर सकते है-

  • सबसे पहले आपके पास एक डीमेट खाता होना चाहिए। 
  • उसके बाद आप अपने सहूलियत के हिसाब से डेट फंड का चयन करे 
  • फंड का चयन करने के बाद आपके पास दो ऑप्शन होते है SIP और One Time/LUMPSUM 
  • इन दोनों में से जो माध्यम आपको अच्छा लगे उसका चुनाव करे और निवेश करे। 

नोट – SIP में आपको हर महीने एक फिक्स तारीख को अपनी SIP राशि जमा करवानी पड़ती है और अगर समय पर जमा नहीं करवा पाते हो तो आपको जुर्माना भी नहीं देना पड़ेगा। जबकि LUMPSUM यानी एकमुश्त निवेश में आपको एक बार में ही अपनी राशि निवेश करनी होती है। 

टॉप 10 परफार्मिंग डेट फंड – Best Debt Mutual Fund in 2024 

FUND NAME  1 Yr RETURNS 2 Yr RETURNS 3 Yr RETURNS
Aditya Birla Sun Life Medium Term Fund 21.75% 13.71% 8.67%
UTI Bond Fund 11.52% 9.75% 4.47%
Nippon India Ultra Short Duration Fund 5.76% 6.43% 5.9%
ICICI Prudential Corporate Bond Fund 5.69% 6.39% 7.41%
HDFC Floating Rate Debt Fund 5.57% 6.1% 6.94%
Sundaram Low Duration Fund 5.33% 4.58% 1.83%
Axis Corporate Debt Fund 4.62% 6.46% 7.26%
SBI Magnum Medium Duration Fund  4.37% 6.35% 7.93%
DSP Government Securities Fund 3.99% 5.79% 8.76%
IDFC Banking & PSU Debt Fund 4.02% 5.76% 7.58%

क्या Debt Fund में निवेश करना सही है?

डेट फण्ड में निवेश करना सही विकल्प साबित हो सकता है क्योंकि डेट फण्ड बाज़ार में आने वाले उतार-चढ़ाव के अधीन नहीं होते है। अगर बाज़ार कभी क्रैश कर जाता है तो भी आपको कोई नुकसान नहीं झेलना पड़ता है। 

इसे भी पढ़े: इंडेक्स फंड क्या है (Index Fund) कैसे करें निवेश, Top 10 Index Fund

Debt Mutual Fund – FAQs

Private Debt Fund और Government Debt Fund में क्या अंतर होता है?

जब आप डेट फंड की बात करते हैं तो लोगों के मन में ख्याल आता है कि प्राइवेट डेट फंड और गवर्नमेंट डेट फंड में क्या अंतर होता है? तो गवर्नमेंट डेट फंड वो होते हैं जब गवर्नमेंट हर साल बजट लाती है तो उस में लगने वाला पैसा वह लोगों से बॉन्ड देकर उधार लेती है तो उसको गवर्नमेंट डेट फंड बोला जाता है और प्राइवेट कंपनियां भी इन्वेस्ट करके अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए उधार लेती है तो वह जो बॉन्ड होते हैं उनको कॉर्पोरेट बॉन्ड बोलते हैं तो कॉर्पोरेट बॉन्ड में जो निवेश होता है वो प्राइवेट डेब्ट फंड होता है। 

क्या Debt Fund में निवेश करने पर Charge लगता है?

जी हाँ, डेट फंड में निवेश करने पर रिकरिंग रेशियो चार्ज लगता है जो 1 फीसदी तक हो सकता है।

Debt Fund में निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

जब हम किसी भी प्रकार के डेट फंड में निवेश करते है तो हमे कुछ बातो को ध्यान में रखना चाहिए जिस से हम नुकसान से बच सके-

  • सबसे पहले अच्छे फंड का चुनाव करना चाहिए। 
  • फिर उस फंड के पिछले प्रदर्शन पर ध्यान देना चाहिए। 
  • जब भी किसी प्रकार का बॉन्ड ख़रीदे तो उसको अच्छे से परखना चाहिए। 
  • निवेश करने से पहले लगने वाले रिकरिंग रेश्यो चार्ज की गणना अवश्य करनी चाहिए। 

Debt Mutual Fund और Equity Mutual Fund में क्या अंतर है?

डेट और इक्विटी म्यूचुअल फंड में सबके मुख्य अंतर ये है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड सीधे शेयरों में निवेश करते हैं, जो कि एक प्रकार से कंपनी में हिस्सेदारी होती है जो कि काफी जोखिम भरा हो सकता है। लेकिन डेट म्यूचुअल फंड सीधे तौर पर कंपनी में निवेश नहीं करतीं,यह सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड आदि में निवेश करती है, जो कि ज्यादा जोखिम भरे नहीं होते।

Bond और Debt  Fund में क्या अंतर है?

बॉन्ड, कॉर्पोरेट या सरकारी संगठनों जैसी संस्थाओं द्वारा पहले से निर्धारित अवधि के लिए जारी की गई डेट इंस्ट्रूमेंट्स होती है, जबकि डेट म्यूचुअल फंड म्यूचुअल फंड है, जो बॉन्ड, डिबेंचर, कमर्शियल पेपर्स और अन्य फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स जैसी डेट सिक्यॉरिटीज में निवेश करते हैं। डेट म्यूचुअल फंड बांड में निवेश करने का एक अप्रत्यक्ष तरीका है। फिक्स्ड निवेश आवश्यकताओं के लिए डेट म्यूचुअल फंड की तुलना में बॉन्ड में इन्वेस्ट करना हमेशा से बेहतर रहा है।

क्या Debt Mutual Fund से पैसा कभी भी वापस निकाल सकते है?

जी हाँ,आप अपना निवेशित पैसा Debt Mutual Fund से अपनी इच्छा के अनुसार कभी भी निकाल सकते हो। बस आपको ये ध्यान रखना होगा कि जब आप पैसा निकाल रहे हो तो टैक्स कोनसा लगेगा। 

Debt Mutual Fund में सालाना कितना रिटर्न मिलता है?

डेट फण्ड में मिलने वाला सालाना रिटर्न लगभग 9 फीसदी के करीब होता है। 

सबसे शानदार रिटर्न देने वाली डेट फण्ड स्कीम कोनसी है?

इस लेख में पिछले कुछ सालों से शानदार रिटर्न देने वाली डेट फण्ड की सरणी दी गयी है जिसमे से आप अपने निवेश के लिए चुन सकते हो। 

Venture Debt Fund क्या होते है?

वेंचर डेट फंड एक प्रकार के निवेश फंड होते है जो इक्विटी में निवेश न करके नए स्टार्टअप्स और अच्छी विकसित कंपनियों को अपना पैसा उधार देता है। वेंचर लोन नई स्टार्टअप्स और कंपनियों के लिए आकर्षण विकल्प है क्योंकि बैंक से लोन लेने के बजाय ये आसानी से मिल जाता है। 

Private Debt Funds क्या है?

प्राइवेट कंपनियां अपने गोल्स पुरे करने के लिए और अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए उधार लेती है तो वह जो बॉन्ड होते हैं उनको कॉर्पोरेट बॉन्ड बोलते हैं तो कॉर्पोरेट बॉन्ड में जो निवेश होता है वो प्राइवेट डेब्ट फंड होता है। 

डेट फंड्स में यील्ड क्या है?/Yield Debt Fund क्या है?

परिपक्वता पर प्रतिफल रिटर्न की कुल दर है जो एक बांड द्वारा तब अर्जित की जाएगी जब वह सभी ब्याज भुगतान करता है और मूल मूलधन चुकाता है। YTM(YIELD TO MATURITY) अनिवार्य रूप से परिपक्वता तक रखे जाने पर बांड की वापसी की आंतरिक दर है।

धन्यवाद धन्यवाद धन्यवाद 

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